दोस्त बनके हमें रुलाया है
बेसबब उसने सितम ढाया है
भूल कर प्यार-वफा की बातें
उसने दिल को बहुत दुखाया है
ज़िन्दगी के हसीन लम्हों को
उसने पल भर में ही भुलाया है
साथ उसके जो घोंसला था बुना
आँधियों ने उसे गिराया है
उसको दिन का न उजाला भाया
नग़मगी ख़्वाब पसन्द आया है
आज मेरी है कल पराई है
आती-जाती हुई ये माया है
जिसने काँटों की चुभन झेली है
उसने फूलों का नाम पाया है
“रूप”-यौवन अधिक नहीं टिकता
ज़िन्दगी धूप और छाया है