लिख डाला है नाम तुम्हारा पन्नो पर ,
रो पड़ी तो मिट जायेगी मेरी झूठी आस,
जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,
छू जाते हो क्यूँ अहसास बनकर ,
किसी दिन जलकर बन जयुंगी मैं राख ,
जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,
कतरा कतरा यूँही बिखरती रही अगर मैं,
तो रह जयुंगी इक दिन मैं बन केवल लाश ,
जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,
मिलते नहीं हो खयालो में भी ठीक से,
दे जाते हो आधी अधूरी प्यास,
जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,
कितना सताते हो आ आ के ख्वाबो में,
क्यूँ दे जाते हो टूटी हुई सी इक आस,
जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,
क्यूँ जलाते हो उमीदो के दिए ,
लग जाती हाई मेरी सुखी चौखट पर आग,
जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात.
[नीलम]
21 comments:
क्या बात है , वाह !
कतरा कतरा यूँही बिखरती रही अगर मैं,
तो रह जयुंगी इक दिन मैं बन केवल लाश
dil ke bhavon kee marmik abhivyakti.neelam ji bahut khoob.
क्या बात है , वाह
क्या बात नहीं है , वाह
@ Shikha ji ! Apki wah bhi nirli hai aur Aah bhi.
sundar rachna
छू जाते हो क्यूँ अहसास बनकर ,
किसी दिन जलकर बन जयुंगी मैं राख ,
क्या बात है , वाह !
ye he kyaa??
waah !
अति सुन्दर
वाह!
खूबसूरती से लिखे एहसास
Anwer ji shukriya.
Shalini ji bahut bahut shukriya.
Shikha ji kya baat nahi hai wah..:D
shukriya.
salim ji shukriya.
kushvansh ji shukriya.
Shyam ji shukriya.
ALBELA JI MAIL PAR APNA SUJHAAV DENE KE LIYE BAHUT BAHUT ABHAAR...MAIN KOSHISH KARUNGI.
@ Arun ji shukriya.
@ shah nawaz ji shukriya.
Sangeeta ji shukriya.
sir wah...ke layak nahi hai...ye to subhan allah ke layak hai neelu jee..:)
bahut pyar se aapne dard ko ukera hai..sach me massa..allah...kya likhte ho aap:)
इस सादगी पे कौन ना मर जाये ऐ ख़ुदा...सीधे सपाट शब्दों में नाराज़गी...
Post a Comment