पेट्रोल महंगा कर दिया लेकर हमारे वोट
सरकार के हुज़ूर ना शिकवा करेंगे हम
बाइक को और कार को अब घर पे छोड़कर
सड़कों पे अपने मुल्क की पैदल चलेंगे हम
असद रज़ा
asadrnaqvi@yahoo.co.in
ग़ज़ल -सतपाल ख़याल
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आंख में तैर गये बीते ज़माने कितने
याद आये हैं मुझे यार पुराने कितने
चंद दानों के लिए क़ैद हुई है चिड़िया
ए शिकारी ये तेरे जाल पुराने कितने
ढल गया दर्द मे...
4 weeks ago
2 comments:
बहुत सही फरमाया है ज़नाब!
वाह क्या बात कही है ....
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