हौसले के साथ में आगे बढ़ो।
फासले इतने न अब पैदा करो।
जिन्दगी तो है हकीकत पर टिकी,
मत इसे जज्बात में रौंदा करो।
चाँद-तारों से भरी इस रात में,
उल्लुओं सी सोच मत रक्खा करो। बुलबुलों से ज़िन्दगी की सीख लो,
राग अंधियारों का मत छेड़ा करो।
उलझनों का नाम ही है जिन्दगी,
हारकर, थककर न यूँ बैठा करो।
छोड़कर शिकवें-गिलों की बात को,
मुल्क पर जानो-जिगर शैदा करो।
खूबसूरत दिल सजा हर जिस्म में,
“रूप” पर इतना न मत ऎंठा करो।
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भारतीय मंदिरों में पत्थर पर विज्ञान श्रंखला--- कम्प्यूटर और कीबोर्ड---
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भारतीय मंदिरों में पत्थर पर विज्ञान श्रंखला---
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कम्प्यूटर और कीबोर्ड---
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2 days ago