डा. ताबिश महदी के एज़ाज़ में ग़ालिब एकेडमी दिल्ली में ४ अप्रैल को एक मुशायरा संपन्न हुआ . वहां यह शेर कहा गया.
तुम से मिल कर सबसे नाते तोड़ लिए थे
हमने बादल देख के मटके फोड़ लिए थे
-मुईन शादाब
तुम से मिल कर सबसे नाते तोड़ लिए थे
हमने बादल देख के मटके फोड़ लिए थे
-मुईन शादाब
8 comments:
बढ़िया शेर है,भाई.
बहुत ख़ूबसूरत, आभार.
BAHUT KHOOB .AABHAR
like this page on facebook and wish our indian hockey team for london olympic
शानदार
Lajawaab.
gajab ji kalpna...
वाह! जी वाह! बहुत ख़ूब
कृपया इसे भी देखें-
उल्फ़त का असर देखेंगे!
इतना भी प्यारा नहीं है.....
Post a Comment