आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा। बालदिवस की शुभकामनाएँ!
#क्या वाकई निर्भया?
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जो दिखाई देता है, हम सभी जानते हैं कि वह हमेशा सत्य नहीं होता है किन्तु फिर
भी हम कुछ ऐसी मिट्टी के बने हुए हैं कि तथ्यों की जांच परख किए बगैर दिखाए
जा र...
मेरा वज़ूद ऐसा है !
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[image: rg]
मेरे दुश्मन को है खलता , मेरा वज़ूद ऐसा है ,
गिराने से नहीं गिरता , मेरा वज़ूद ऐसा है !
दिलों में बस गया है जो ,फकत इक नाम ऐसा है ,
मिटाने से नहीं ...
मेरी एक ताज़ा ग़ज़ल आप सब की नज़्र
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ग़ज़ल
हर घड़ी यूँ ही सोचता क्या है?
क्या कमी है ,तुझे हुआ क्या है?
किसने जाना है, जो तू जानेगा
क्या ये दुनिया है और ख़ुदा क्या है?
दर-बदर खाक़ छानते हो तुम
इत...
दज्जाल के रंगरूट
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दज्जाल आया। मुल्क तबाह किए। कठपुतली सरकारें बिठाईं और चल दिया। जाने से पहले
रंगरूट भर्ती किए उन्हें ट्रेनिंग दी। वे रंगरूट ट्रेनिंग पाकर पुरानी सरकार
के सम...
आओ, सब मिलकर बस प्यार करें.
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कुल्लु नफ्सिन ज़ायक़तुल मौत -आल-क़ुर्'आन
हर जान को मौत का ज़ायक़ा चखना है.
और
इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैहि राजिऊन.
हम सब अल्लाह के हैं और हमें उसी की तरफ लौ...
माँ बाप की अहमियत और फ़ज़ीलत
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मदर्स डे पर विशेष भेंट
इस्लाम में हुक़ूक़ुल ऐबाद की फ़ज़ीलत व अहमियत
इंसानी मुआशरे में सबसे ज़्यादा अहम रुक्न ख़ानदान है और ख़ानदान में सबसे ज़्यादा
अहमियत वालदै...
कौन इसकी परवाह करे
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*मेरा हबीब है रकीब के जैसा *
*कौन मुझे आगाह करे*
*दिल का मसला ज़ालिम के जैसा *
*कौन इसकी परवाह करे *
*परवाना जल के मर जायेगा *
*कौन उसे आगाह करे *
*इश्क क...
8 comments:
aadarniy sir
bahut hi gahri baat chand panktiyon me.
hardik abhinandan
poonam
आपकी प्रस्तुति
सोमवारीय चर्चा-मंच पर
charchamanch.blogspot.com
kuch hi shabdon me bahut kuch aane vaale toofan ka sanket.
behtreen prstuti....
सटीक बात!
बहुत खूब... वाह!
सादर...
shayad Rajesh Reddi ke sher hain ye...behtariin
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
बालदिवस की शुभकामनाएँ!
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