आओ कुछ ऐसे काम करते हैं
देस का अपने नाम करते हैं
दुश्मनों को भी राम करते हैं
सर झुका कर सलाम करते हैं
मां तुझे हम सलाम करते हैं
तेरी ज़ीनत हैं साबिर ओ चिश्ती
शान हैं तेरी गौतम ओ गांधी
मादरे हिन्द अज़्मतों का तेरी
दिल से हम अहतराम करते हैं
मां तुझे हम सलाम करते हैं
राम व रहीम तेरे बच्चे हैं
ज़ात हो कोई धुन के पक्के हैं
कोई हो मज़हब दिल के सच्चे हैं
रस्मे उल्फ़त को आम करते हैं
मां तुझे हम सलाम करते हैं
असद ‘रज़ा‘
ई, 11@47, हौज़रानी, मालवीय नगर
नई दिल्ली-17
3 comments:
--सुन्दर भाव व रचना... सलाम..
---राम नहीं ..राम-रम करते हैं...आदाब के स्थान पर...
@ आदरणीय डा. श्याम गुप्ता जी ! ‘दुश्ममनों को भी राम करते हैं‘ इस मिसरे में राम शब्द फ़ारसी का है जिसका अर्थ है ‘वश में करना‘। पसंद करने के लिए आपका शुक्रिया।
स्वागत है सभी पढ़ने वालों का। 30 अप्रैल 2011 के हिंदी ब्लॉगर पुरस्कार वितरण समारोह और पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर, जिसका जीवंत प्रसारण इंटरनेट के माध्यम से पूरे विश्व में किया जा रहा है।
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